भारत की ऋषि परंपरा का अमूल्य उपहार योग आज प्रधानमंत्री के सार्थक प्रयासों से जन जन तक पहुंचा-गणेश जोशी
देहरादून, । कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने शनिवार को गढ़ीकैंट के सब एरिया सभागार में दो दिवसीय टोंस हिमालयन योग रिट्रीट 2024 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने लेफ्टिनेंट कर्नल स्वर्गीय अवनीश प्रताप सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि भी दी।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आयोजकों को टोंस हिमालयन योग रिट्रीट 2024 के आयोजन की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड तो वैसे भी ऋषियों और महर्षियों की भूमि है, जहां पर ऋषि मुनियों और योगाचार्यों ने हिमालय के कंदराओं में सदियों से तपस्या की। उन्होंने कहा कि योग भारत की ऋषि परंपरा का अमूल्य उपहार है, जो मानसिक और आध्यात्मिक उन्नयन के साथ शरीर को भी स्वस्थ रखता है। इसी योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए योग रिट्रीट का आयोजन किया गया है, जिसमें देश के अन्य राज्यों से भी योग में रुचि रखने वाले योग के विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरगामी सोच के कारण ही आज योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना समस्त देशवासियों के लिये गौरव की बात है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सार्थक प्रयासों से आज योग जन जन तक पहुंचा है। कैबिनेट मंत्री जोशी ने योग साधकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह योग से स्वयं को जोड़े और अपने आसपास के लोगों को योग के माध्यम से जोड़कर स्वस्थ भारत, सशक्त भारत के निर्माण के लिए नियमित रूप से योग करने व अन्य लोगों को भी योग के प्रति जागरूक करने का संकल्प लें। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भारतीय थल सेवा के एक जांबाज अधिकारी श्रीमती साधना के पति लेफ्टिनेंट कर्नल स्वर्गीय अवनीश प्रताप सिंह का स्मरण किया।
उन्होंने कहा कि इसी वर्ष 8 मार्च को लेफ्टिनेंट कर्नल अवनीश प्रताप सिंह का आकस्मिक निधन हुआ था। अवनीश प्रताप सिंह का निधन भारतीय सेना विशेषकर आर्टिलरी के लिए अपूरणीय क्षति था। उन्होंने कहा कि हमने बहुत ही काबिल अफसर खोया। जिसको प्रधानमंत्री अवार्ड फॉर एक्सीलेंस आर्मी के लिए सॉफ्टवेयर बनाने के लिए प्रदान किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार आर्मी स्टाफ की अनुशंसा पर प्रदान किया गया था।
इस अवसर पर स्वामी अनंतानन्द, डॉ. राधिका नागर, साधना सिंह, सुनील पाण्डेय, भावना सभरवाल, मीनू चढ़ा, लक्ष्मी अग्रवाल सहित कई लोग उपस्थित रहे।